30 नवंबर 2024, लखनऊ: चौधरी चरण सिंह ऑडिटोरियम, सहकारिता भवन पी.सी.यू., लखनऊ में इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में भव्य दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में इलेक्ट्रो होम्योपैथी जगत के उत्कृष्ट चिकित्सकों, छात्रों और योगदानकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
उपलब्धियों का उत्सव
इस कार्यक्रम में पूरे भारत से आए 50 वरिष्ठ चिकित्सकों को इलेक्ट्रो होम्योपैथी में उनके विशेष योगदान के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही, शिक्षा प्राप्त इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सकों को पंजीकरण प्रमाणपत्र और गाउन पहनाकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2023-24 की परीक्षा में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले 140 छात्रों को भी पुरस्कार देकर उनकी मेहनत और उत्कृष्टता को सराहा गया।
अश्विनी कुमार चौबे का प्रेरक संबोधन
पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे ने समारोह को संबोधित करते हुए इलेक्ट्रो होम्योपैथी में अपने 20 वर्षों के अनुभव साझा किए। उन्होंने विशेष रूप से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी में इलेक्ट्रो होम्योपैथी की सफलता पर चर्चा की और गैंग्रिनॉल फोर्ट दवा की खोज को अभूतपूर्व बताया। उन्होंने कहा, “यह विज्ञान हजारों मरीजों के लिए वरदान साबित हुआ है और इसमें अभी भी अपार संभावनाएं हैं।”
कैंसर के खिलाफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी की
सफलता
श्री चौबे ने अपने संबोधन में बताया कि उन्होंने इलेक्ट्रो
होम्योपैथी के प्रभाव को हजारों मरीजों पर प्रत्यक्ष रूप से देखा है। उन्होंने
विशेष रूप से कैंसर जैसी भयावह बीमारी के इलाज में इस चिकित्सा पद्धति की सफलता का
उल्लेख किया।
उनका कहना था:
"कैंसर जैसी जटिल और पीड़ादायक बीमारी
में, सेहक के निदेशक डॉ. के. पी. सिन्हा द्वारा की गई अद्भुत
खोज, गैंग्रिनॉल फोर्ट ने असाधारण परिणाम दिए हैं। इस पद्धति में डॉ. के. पी. सिन्हा
द्वारा की गई अद्भुत खोज ने दर्द प्रबंधन और रोग को नियंत्रित करने में विश्वस्तरीय
सफलता प्राप्त की है।"
गैंग्रिनॉल फोर्ट: दर्द निवारण की अद्भुत
खोज
इलेक्ट्रो होम्योपैथी की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक गैंग्रिनॉल
फोर्ट नामक दवा है। यह दवा विशेष रूप से कैंसर के कारण होने वाले दर्द को कम
करने में कारगर साबित हुई है। श्री चौबे ने इसे "इलेक्ट्रो होम्योपैथी की
ऐतिहासिक खोज" बताया और कहा कि यह दवा न केवल मरीजों की तकलीफ को कम करती है, बल्कि उनके जीवन की
गुणवत्ता को भी बेहतर बनाती है।
समाज के लिए एक नई उम्मीद
श्री चौबे ने इस चिकित्सा पद्धति को एक नई आशा के रूप में
प्रस्तुत किया। उनका मानना है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी स्वास्थ्य क्षेत्र में एक
क्रांति ला सकती है, विशेष रूप से उन बीमारियों के लिए जहां परंपरागत उपचार सीमित या असफल हैं।
डॉ. के.पी. सिन्हा और डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा का मार्गदर्शन
बतौर संरक्षक डॉ. के.पी. सिन्हा ने
अपने 52 वर्षों
के अनुभव साझा करते हुए बताया कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी ने वह उपलब्धियां हासिल की
हैं जो कभी केवल कल्पना मात्र थीं। उन्होंने कहा:
"इस
विज्ञान ने अनेक असाध्य रोगों में न केवल राहत प्रदान की है, बल्कि यह समाज को सस्ती, सुरक्षित और प्रभावी
चिकित्सा प्रदान करने का माध्यम भी बना है।"
डॉ. सिन्हा ने
चिकित्सकों को इस क्षेत्र में समर्पण और धैर्य के साथ कार्य करने की प्रेरणा दी।
उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी एक अनमोल धरोहर है, जिसे हमें आने वाली
पीढ़ियों तक ले जाना है।
"हमारा
कर्तव्य है कि हम उनके सपनों को साकार करें और उनकी राह पर चलकर इस चिकित्सा
पद्धति को हर घर तक पहुंचाएं।"
उन्होंने चिकित्सकों
को अनुसंधान और नवाचार के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी, ताकि इलेक्ट्रो
होम्योपैथी का लाभ समाज के सभी वर्गों तक पहुंच सके।
इलेक्ट्रो
होम्योपैथी: एक उज्ज्वल भविष्य की ओर
दोनों विशेषज्ञों के
विचार इस बात पर जोर देते हैं कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी न केवल एक चिकित्सा पद्धति
है, बल्कि
यह स्वास्थ्य सेवा का एक सशक्त विकल्प है। यह पद्धति सस्ती, प्रभावी
और सुरक्षित होने के कारण समाज के सभी वर्गों के लिए उपयोगी साबित हो रही है।
‘HealthyRashtra’ पत्रिका का विमोचन
इस अवसर पर ‘HealthyRashtra’ पत्रिका का विमोचन माननीय अश्विनी कुमार चौबे ने किया। पत्रिका के संस्थापक एवं संपादक, सेहक के शोध सलाहकार डॉ. अभिषेक कुमार सिन्हा को उनके योगदान के लिए विशेष सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के आयोजक और अतिथियों का सम्मान
इस भव्य आयोजन का नेतृत्व डॉ. कैसर अहमद शेख, निदेशक, इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑफ इंडिया ने किया। डॉ. शेख ने यह सुनिश्चित किया कि यह समारोह न केवल शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में योगदान को मान्यता देने का मंच बने, बल्कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी के महत्व और इसके बढ़ते प्रभाव को भी उजागर करे।
संचालन की जिम्मेदारी डॉ. आनंद सिन्हा ने कुशलता से निभाई। उन्होंने कार्यक्रम की प्रत्येक गतिविधि को सहजता और अनुशासन के साथ प्रस्तुत किया। उनके कुशल संचालन ने पूरे समारोह को ऊर्जावान और प्रेरणादायक बनाया।
समारोह की
शुरुआत श्रीमती आभा श्रीवास्तव द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना के मधुर गायन
से हुई। उनकी सुमधुर प्रस्तुति ने पूरे माहौल को आध्यात्मिकता और सकारात्मकता से
भर दिया। यह शुरुआत समारोह को और अधिक विशेष बनाने में सफल रही।
मुख्य अतिथि श्री अश्विनी कुमार चौबे, विशिष्ट अतिथि डॉ. के.पी. सिन्हा (सेहक के निदेशक, खोजकर्ता : गैंग्रिनॉल फोर्ट), अम्बरीश सिंह भोला (हिंदू युवा वाहिनी) और प्रकाश मिश्रा (आयुष विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार) ने समारोह की गरिमा बढ़ाई। इन महानुभावों ने इलेक्ट्रो होम्योपैथी प्रमाणपत्रों का वितरण भी किया।
निष्कर्ष
यह दीक्षांत समारोह इलेक्ट्रो होम्योपैथी के क्षेत्र में हो रहे सकारात्मक बदलावों का प्रतीक है। इस आयोजन ने न केवल इस चिकित्सा पद्धति की प्रभावशीलता को रेखांकित किया, बल्कि इसे अधिक लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित भी किया। सेहक के निदेशक के संदेश स्पष्ट है: समर्पण, अनुसंधान और काउंट सीजर मैटी के आदर्शों का पालन ही इस विज्ञान को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा। इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी ऑफ इंडिया के प्रयास इस क्षेत्र में मील का पत्थर साबित हो रहे हैं।













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