जानें इलेक्ट्रो होम्योपैथी का इतिहास

रिपोर्ट: ज्योत्सना सिंह


 सन् 1809 में इटली के ज़मीदार परिवार में जन्में काउन्ट सीज़र मैटी ने विश्व की पांचवीं चिकित्सा पद्धित इलेक्ट्रो होम्योपैथी जैसी सुपर साइंस से सभी को अवगत कराया---



सन् 1809 में इटली के ज़मीदार परिवार में जन्में काउन्ट सीज़र मैटी ने विश्व की पांचवीं चिकित्सा पद्धित इलेक्ट्रो होम्योपैथी जैसी सुपर साइंस से सभी को अवगत कराया। काउन्ट सीज़र मैटी को शुरू से ही पेड़-पौधों और उसके औषधीय गुणों से लगाव था। 1849 में लेफ्टीनेंट कर्नल की जिम्मेदारियों से अपने को मुक्त कर काउन्ट सीज़र मैटी ने नेचुरल मेडिसन के अध्ययन के लिए अपना बाकी का जीवन समर्पित कर दिया।




यह कहा जा सकता है कि जब भी किसी एक चिकित्सा पद्धति में कुछ कमियां देखी गई तो दूसरी चिकित्सा पद्धति का अविष्कार हुआ इसी प्रकार काउन्ट सीज़र मैटी जब तत्कालीन मौजूद चिकित्सा पद्धति से बीमारियों के इलाज से संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने सैम्यूल हैनमैन की देन होम्योपैथी और पौधों की एनर्जी पर साथ-साथ अध्ययन कर ‘द होल सिस्टम ऑफ ट्रीटमेंट’ के सिद्धांत पर काम करते हुए 1865 में एक नई चिकित्सा पद्धति ‘इलेक्ट्रो होम्योपैथी’ की नींव रखी। अपने अध्ययन के क्रम में काउन्ट सीज़र मैटी ने बहुत सारे पौधो के कैरेक्टर का गहन अध्ययन किया तथा यह पाया कि पेड़-पौधों से प्राप्त शक्तियों के समावेश से बनी औषधियों से मानव में होने वाली तमाम बीमारियों का ट्रीटमेंट किया जा सकता है। काउन्ट सीज़र मैटी के अध्ययन के अनुसार मानव शरीर में कोई भी बिमारी का कारण किसी अंग में समस्या होने के कारण होता है और अंग में समस्या लिम्फ और ब्लड के असंतुलन और दोष से पैदा होती हैं। इलेक्ट्रो होम्योपेथी में सिर्फ पौधों से तैयार दवाओं के माध्यम सेे सीधा लिम्फ और ब्लड के दोष को समाप्त किया जाता है।



भारत में इस पद्धति का प्रसार 1870-80 के दशक के बीच देखने को मिलता है। वर्तमान में इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से कई असाध्य बीमारियों का इलाज किया जा रहा है। साथ ही कैंसर और एड्स जैसी गंभीर बिमारियों में इलेक्ट्रो होम्योपैथी चिकित्सा कारगर साबित हुई है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी के विभिन्न बीमरियों में सकारात्मक परिणाम देखते हुए सरकार भी इस चिकित्सा पद्धति को मुख्य चिकित्सा पद्धतियों में शामिल करने का विचार बना रही है। 

देशभर में इलेक्ट्रो होम्योपैथ चिकित्सक जिस प्रकार से इस चिकित्सा विज्ञान के प्रचार-प्रसार और लोगो की बीमारी दूर करने में लगे हुए हैं यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी का भविष्य मानव कल्याण हेतु उज्जवल है। 





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