रिपोर्ट: ज्योत्सना सिंह
किसी भी बीमारी के इलाज या उसकी रोकथाम के लिए मानव शरीर में होने वाली असमान्यता को दूर करना होता है। ये असमान्यताएं मानव अंग में आती है जिसके कारण वह अंग अपना कार्य ठीक से नहीं....
किसी भी बीमारी के इलाज या उसकी रोकथाम के लिए मानव शरीर में होने वाली असमान्यता को दूर करना होता है। ये असमान्यताएं मानव अंग में आती है जिसके कारण वह अंग अपना कार्य ठीक से नहीं कर पाता जिससे रोग का जन्म होता है। रोग अपने शुरूआती दौर में भिन्न-भिन्न लक्षणों को प्रकट करता है यदि इन लक्षणों को समय पर पहचाना न जाए तो वह रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है।
इलेक्ट्रो होम्योपैथी के माध्यम से असमान्य रूप से कार्य कर रहे अंगों को ठीक किया जाता है। इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाएं मानव शरीर के रस एवं रक्त को शुद्ध कर शरीर के अंगों को चुस्त-दुरूस्त कर देती हैं। पूर्णतः औषधीय पौधों से बनी ईएचपी दवाएं मात्र 15 से 20 मिनट में मानव शरीर के उस अंग को ठीक करने की दिशा की ओर सकारात्मक कार्य करना शुरू कर देती हैं जिस पर रोग अपना घर बना चुका होता है। इस प्रकार इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाएं हर बीमारी को जड़ से खत्म करने में अहम भूमिका निभाती है।
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| डॉ. के. पी. सिन्हा, निदेशक, सिन्हा इलेक्ट्रो होम्यो अनुसंधान केन्द्र |
50 वर्षों से इलेक्ट्रो होम्यापैथी के क्षेत्र में कार्य कर रहे सिन्हा इलेक्ट्रो होम्यो अनुसंधान केन्द्र के निदेशक डॉ. के. पी. सिन्हा के अनुसार ‘बीमारियों के दो स्टेज होते हैं। पहली वह जिसमें रोग के ठीक होने की पूरी-पूरी संभावना होती है, दूसरी स्टेज में बीमारी उस बिन्दु तक पहुंच जाती है जहां से बीमारी का ठीक हो पाना मुश्किल होता है, इस अवस्था में भी इलेक्ट्रो होम्योपैथी की दवाएं रोग के प्रभाव को कम करने में कारगर साबित होती हैं साथ ही रोगी की आयु को बढ़ाने में भी मदद करती है।’




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