इलेक्ट्रो होम्योपैथी को 'इलेक्ट्रोपैथी' समझने की न करें भूल

रिपोर्ट: ज्योत्सना सिंह

भारत में अक्सर इलेक्ट्रो होम्योपैथी को इलेक्ट्रोपैथी के नाम से पुकारा एवं जाना जाता है। क्या इलेक्ट्रो होम्योपैथी को इलेक्ट्रोपैथी कहना सही है? क्या यह दोनों एक ही चिकित्सा पद्धति हैं? 




यह कुछ ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब आज आपको  इस लेख में मिलेगा। और यकीनन इस लेख को पढ़ने के बाद आप इलेक्ट्रो होम्योपैथी को इलेक्ट्रोपैथी समझने और पुकारने की भूल कभी नहीं करेंगे।



आपको बता दें कि इलेक्ट्रोपैथी इलेक्ट्रो होम्योपैथी से भिन्न चिकित्सा विज्ञान है। इन दोनों चिकित्सा विज्ञान को आप नीचे दिए गए अंतरों से समझ सकते हैं। 


इलेक्ट्रोपैथी का अविष्कार सन् 1849 में यूएस के न्यूयॉर्क में हुआ जिसके फाउंडर थे Adolphus Olmstead , वहीं इलेक्ट्रो होम्योपैथी का जन्म यूरोप के इटली में हुआ और इसके फाउंडर थे काउंट सीज़र मैटी। 

इलेक्ट्रो होम्योपैथी के फाउंडर काउन्ट सीज़र मैटी



Adolphus Olmstead द्वारा लिखित पुस्तक


इलेक्ट्रोपैथी इलेक्ट्रीसिटी पर आधारित चिकित्सा विज्ञान है वहीं इलेक्ट्रो होम्योपैथी एनर्जी यानि उर्जा पर आधारित चिकित्सा पद्धति है।



इलेक्ट्रोपैथी में मरीज़ के शरीर में विद्युतीय उपकरण के द्वारा विद्युत प्रवाहित कर इलाज किया जाता हैं। इलेक्ट्रो होम्यापैथी में औषधीय पौधों में निहित जैव विद्युतीय उर्जा से इलाज किया जाता है।



इस प्रकार यह बिल्कुल साफ हो जाता है कि इलेक्ट्रो होम्योपैथी, इलेक्ट्रोपैथी और होम्योपैथी तीनों ही अलग-अलग चिकित्सा विज्ञान है जिसमें अलग-अलग सिद्धान्तों और अवधारणाओं के अनुसार रोगी का इलाज किया जाता है।


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