कर्नाटक में तीन दिवसीय सेमिनार : NAEHP द्वारा आयोजित, SEHAK की पूरी टीम पहुंची कर्नाटक
करीब 50 सालों से सेहक ( सिन्हा इलैक्ट्रोहोमियो अनुसंधान केंद्र ) स्वास्थ्य संबंधी समस्या जैसे कैंसर, एचआईवी/एड्स, पोलियो और अन्य के क्षेत्र में काम कर रहा है
सेहक एक दृढ़ संकल्प लेकर 1999 में अपनी उपलब्धि गैंग्रीनॉल फोर्ट के द्वारा चर्चा में आए जो मात्र 20 मिनट के अंतराल में केंसर मरीजों को दर्द से राहत पहुंचाती है । इस योगदान के बाद सेहक ने अपनी पहचान बनाई और निरंतर कई सालों से इसको आगे बढ़ाने के प्रयास में लगे हुऐ हैं ।
सेहक हाल ही में कर्नाटक के इलेक्ट्रो होमियोपैथी साइंटिफिक सेमिनार में अपनी पूरी टीम के साथ वहां पहुंचे । ये सेमिनार 1 8 से 20 नवम्बर तक कर्नाटक के बेलगावी में स्थित संकेष्वर धाम में आयोजित किया गया था जिसमे सेहक के निर्देशक डॉ. के. पी सिन्हा , उपनिर्देशक डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा , रिसर्च एडवाइजर डॉ. अभिषेक कुमार सिन्हा के साथ National Association of Electro Homeopathy के नेशनल कॉर्डिनेटर डॉ. आनंद सिन्हा और बिहार स्टेट कॉर्डिनेटर डॉ. सरवन कुशवाहा मौजूद थे । ये सेमिनार नेशनल एसोसिएशन ऑफ इलेक्ट्रो होम्योपैथी के द्वारा आयोजित किया गया था और डॉ. सतीष हीरेमठ और डॉ .शशिकांत के देखरेख में तमाम आयोजन आयोजित किए गए थे ।
ये सेमिनार तीन दिन के लिए आयोजित किया गया था जिसमे कर्नाटक के विभिन्न जिलों से eh चिकित्सकों ने सेमिनार में भाग लिया था।
तीन दिवसीय सेमिनार के पहले दिन की शुरुआत इलेक्ट्रो होम्योपैथी के जनक महात्मा काउंट सीज़र मैटी की तस्वीर पर दीप प्रज्जविलत कर माल्यार्पण कर की गई। कर्नाटक के ईएच चिकित्कों गर्मजोषी के साथ सेहक की टीम को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया ।
पहले दिन के सेमिनार में डॉ. आनंद सिन्हा ने तमाम चिकित्सकों को सेहक और सेहक के उद्देश्य से परिचय करवाया । उन्हें ये भी बताया गया कि कैसे सेहक अपनी उपलब्धि और पहचान बनाने में सक्षम हो पाया।
दूसरे दिन के सेमिनार में रियल इलेक्ट्रो होम्योपैथी के बारे में सेहक की टीम ने बात की और तमाम डॉक्टर्स को इससे अवगत कराया। इतना ही नही इलेक्ट्रो होम्योपैथी के गूढ़ रहस्यों के बारे में भी लोगों को जानकारी दी और साथ ही सरकार और सेहक के बीच हुई तमाम गतिविधियों के बारे में भी उन्हे अवगत कराया । सेमिनार में रीयल इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन से पहचान कराई गई और इसे जुड़े डिमॉन्सट्रेशन दिए गए ।
तीसरे दिन के सेमिनार में NAEHP के उद्देश्य से अवगत कराया गया, साथ ही सेहक के प्रबंधन में चल रहे शांति केंसर पैन एंड पैलियटिव केयर सैंटर में सेमिनार में उपस्थित सभी चिकित्सकों ने वहां का दौरा किया और सैंटर में ठीक हो रहे कैंसर मरीज के बारे में जाना और किस तरह सफलतापूर्वक ये सैंटर काम कर रहा है ये दृश्य भी उन्होंने स्पष्ट रूप से देखा।
इसी दौरान शान्ति कैंसर पैन एंड पैलिएटिव केयर सैंटर के निर्देशक डॉ. जिब्रान ने कनार्टक के मुख्ल सिध्देश्वर मठ के मठाधीश्वर श्री सिद्धेश्वर स्वामी के बारे में बताया जिनका इलाज़ कोविड के समय इन्होंने सफलतापूर्वक किया था । सेहक की पूरी टीम इनसे मिलने गई जहां पर
श्री सिद्धेश्वर स्वामी जी ने अपने समस्या के बारे में बताया कि उन्हें कई साल से चलने - फिरने में दिक्कत है और ज्यादा चलने पर उनकी सांस फूलने लगती है। सेहक की टीम इलेक्ट्रो होम्योपैथिक मेडिसिन 5 फोर्ट, न्यूरोटोन-1, न्यूरोटोन-2, न्यूरोटोन-3 का प्रयोग कर मात्र 20 मिनट के अंदर स्वामी जी को इस बीमारी से आराम दिलाया जिसे देख कर मठाधीश्वर महाराज हैरान में थे और साथ ही इस उपचार को चमत्कार कहने से भी वो पीछे नहीं हटे ।
सेमिनार के समापन में मैसूर परंपरा के अनुसार सेहक की पूरी टीम को माला और पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया गया।
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