नया साल नया संकल्प
सेहक की नीव 50 साल पहले डॉक्टर के. पी सिन्हा द्वारा रखी गई थी जिन्होंने निरंतर अपने प्रयास से तमाम मरीजों को बीमारी से छुटकारा दिलाकर एक नया जीवन दिया ।
| Director of Sehak Inventor of Gangrenol Forte Medicine |
सेहक यूं तो तकरीबन 50 सालों से इलेक्ट्रो होम्योपैथी और उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर शोध करते आ रहा है और निरंतर आए दिन इसे आगे बढ़ाने के प्रयास में लगे हुऐ है मगर जब सेहक की उपलब्धि गैंग्रीनॉल फोर्ट (डॉ के. पी सिन्हा की खोज ) 1999 में आई तो मेडिकल साइंस में एक इतिहास रच गया, इतिहास इसलिए कहा जा रहा है क्यूंकि जो उपलब्धि सेहक के द्वारा प्राप्त हुईं वो कोई मामूली उपलब्धि नहीं थी बल्कि कैंसर मरीजों को एक नया जीवन दान देने की थीं , हर कैंसर से पीड़ित मरीज़ बस यही चाहता है की इस बीमारी से वो कब निजाद पाएगा , कब ठीक होगा , कैंसर मरीजों के अंतर्मन में जीवन और मृत्यु का द्वंद निरंतर चलता रहता , जीवन के वरण तक या मरण तक ।
कैंसर आज एक ऐसी बीमारी बन गई जिसका नाम मात्र सुनने से ही इंसान की रूह कांपने लगती है , जब कैंसर मरीज अपने लास्ट स्टेज में होता है तो उसे कितनी पीड़ा होती है इसकी कल्पना न आप कर सकते है न हम और कैंसर हॉस्पिटल में तो जिन पेशेंट्स की ज़िंदगी अंतिम चरण पर होती है तो इन पेशेंट्स को यहां से धक्के मार कर निकाल दिया जाता है , दर्द में बिलखते यह मरीज़ अपनी अंतिम सांसों में भी संघर्ष करते रहते है ,कैंसर मरीजों की यह हालत सच में दयनीय है , दुखद है मगर इन मरीजों के लिए सेहक द्वारा बनाई गई गैंगरेनोल फोर्ट कैंसर मरीजों के लिए एक आशा की किरण को जगा रहा है , क्योंकि ये लास्ट स्टेज में कैंसर मरीजों को असहनीय पीड़ा से मुक्ति प्रदान करता है वो भी मात्र 20 मिनट में । साथ ही ये कैंसर के ट्यूमर को डिसॉल्व कर उसे जड़ से खत्म करता है और recurrence होने वाली संभावनाओं को भी काफी हद तक कम करता है।
मरीजों के लिए ये वास्तव में एक मृत संजीवनी है और इस संजीवनी नामक औषधि का कोई साइड इफेक्ट्स भी नही है , अब आपको लग रहा होगा की ये एक मजाक है जो हम कर रहे है , ऐसा कैसे हो सकता है कि एक औषधि इतने सारे काम करे वो भी बिना साइड इफेक्ट्स के , क्योंकि तमाम कैंसर मरीज़ जब कैंसर सेंटर पर आते है अपना इलाज़ कराने के लिए, तो ये बात उन्हें बहुत अच्छे से पता होता है कि कीमोथेरेपी और सर्जरी से उनके शरीर को हानि होगी और उनके शरीर को साइड इफेक्ट्स का भी सामना करना पड़ेगा मगर जीने की उम्मीद में वो इस विष को भी पी लेते है , मगर अब ये विष पीने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि गैंग्रीनॉल फोर्ट अपने आपमें पूर्ण रूप से इतना सक्षम है कि वो कैंसर के असहनीय दर्द से मरीजों को पूर्ण रूप से निजाद दिला सकती है और जीवन की गुणवता को बड़ा देती है ।
सिन्हा इलेक्ट्रो होम्यो अनुसन्धान केंद्र के निदेशक डॉ. के. पी. सिन्हा द्वारा शोध की गई समस्त औषधि का संकल्प यही रहा कि कैंसर, एड्स जैसी असाध्य कहे जाने वाले बीमारियों से मरीजों का इलाज़ न केवल संभव हो बल्कि recurrence होने वाली क्रिया को ही समाप्त कर दे जो वास्तव में उन्होने कर दिखाया ।
आपको जानकर आश्चर्य होगा की सेहक की उपलब्धि सिर्फ़ गैंग्रीनॉल फोर्ट तक ही सीमित नहीं रही बल्कि इसके बाद सेहक ने 5 फोर्ट, न्यूरोटोन 1, न्यूरोटॉन 2 और न्यूरोटोन 3 जैसी तमाम औषधि का आविष्कार किया जो कि किसी भी तरह के मरीजों पर प्रयोग किया जाता है उन्हे ठीक और सेहतमंद बनाने के लिए ।
| Deputy Director of Sehak Inventor of 5 Forte Medicine |
ये चार औषधि केवल मरीजों के लिए नहीं है बल्कि आम इंसान अगर इसे इस्तेमाल करे तो वो पूर्ण रुप से सेहतमंद और निरोगी रह सकता है ।
| Research Advisor of Sehak Inventor of Neurotone3 Medicine |
देश के हर राज्य में सेहक द्वारा कैंसर पैन एंड पैलिएटिव केयर सेंटर खोलना और तमाम कैंसर मरीजों को दर्द से छुटकारा दिलाना का संकल्प लेकर डॉ. के.पी सिन्हा ( निदेशक) , डॉ. प्रभात कुमार सिन्हा ( उपनिदेशक) और डॉ. अभिषेक कुमार सिन्हा ( रिसर्च एडवाइजर) ने इस नया साल का स्वागत किया । ।
~ Preeti Gupta
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